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Home > STUDENTS > Hindi Books > Abhivachan, Prarupan evum Hastantar Lekhan > 4th Edition, 2005 (POD) |
In view of the current LL.B. syllabus, Pleading, Conveyancing & Drafting have been included as a compulsory subject under Practical Training. Therefore, there has been a persistent demand for a handbook which should contain in simple language and intelligible form all that is of importance in conveyancing and pleading. The book is an attempt to meet this demand. This valuable publication will prove useful not only to the students of law but also to the junior members of the profession.
पुस्तक का यह संशोधित नवीनतम संस्करण अधुनातन जानकारियों तथा नए शीर्षक के साथ प्रस्तुत है।
पाठकों की सुविधा हेतु, पुस्तक की विषय वस्तु को दो भागों में विभाजित किया गया है। प्रथम भाग में अभिवचनों के प्रारूपण हैं और द्वितीय में अभिहस्तान्तरण-लेखन की काला।
प्रथम भाग में प्रारूपण (ड्राफ्टिंग) के साधारण सिधान्त, अभिवचनों के प्रमुख स्वरूप यथा-वाद पत्र, प्रतिवाद पत्र, मुजरा और प्रतिदावा, अपील, शपथ-पत्र इत्यादि पर विचार किया गया है। इसका सर्वाधिक वैशिषट्य इसमें सम्मिलित तीन अतिरिक्त अध्याय, अध्याय 18,19 और 20 हैं जिनमें क्रमशः दाण्दिक अभिवाचन, प्रथम इत्तला रिपोर्ट, परिवाद आदि के कतिपय उदाहरण तथा उपभोक्ता संरक्षण शीर्षक सम्मिलित किए गए हैं। इसी प्रकार द्वितीय भाग के प्रत्येक अध्याय में विशेष प्रकार के विलेखों और दस्तावेजों यथा-अभिस्वीकृति, दत्तक ग्रहण, बंधपत्र, पट्टा, परक्राम्य लिखित, मुख्तारनामा, वहन पत्र , इत्यादि को सोदाहरण प्रस्तुत किया गया है। अध्याय 28 में माध्यस्थम के साथ ही साथ पंचाट, अवार्ड आदि का सोदाहरण विस्तृत विवरण और अध्ययन प्रस्तुत किया गया है। इतना ही नहीं अन्य अध्यायों में भी अधिकाधिक संशोधित सामग्रियों तथा वाद प्रस्तुत किए गए हैं।
लेखक ने सरल एवं सुबोध भाषा का प्रयोग करते हुए विधि के तकनीकी सिद्धांतों को आकर्षक रूप में समझाया हैं। LLB तथा न्यायिक परीक्षाओं का अनिवार्य विषय होने के कारण अभिवचनों के प्रारूपण और अभिहस्तान्तरण-लेखन की कला पर आधारित यह पुस्तक विधि के छात्रों के लिए अति उपयोगी सिद्ध होगी। अधिवक्ताओं और विधि-व्यवसाय से जुड़े सभी व्यक्तियों के लिए भी उत्तम प्रकाशन है।
1. प्रारूपण के साधारण सिधान्त
2. अभिवचन
3. अभिवचनों की मोटी रूपरेखा
4. विवरण
5. अनुकल्पिक अभिवाक
6. अभिवचनों में संशोधन
7. वादों के विभिन्न प्रकार
8. वादपत्र
9. प्रतिवाद पत्र
10. मुजरा और प्रतिदावा
11. विवृत्ति और परिप्रशन
12. अपीलें
13. शपथ पत्र
14. प्रत्याक्षेप
15. निर्देश, पुनिविरलोकन और पुनरीक्षण
16. रिटें और अपीलें
17. अभिवचनों के कतिपय उदाहरण
18. दण्दिक अभिवचन
19. प्रथम इत्तिला रिपोर्ट, परिवाद आदि के कतिपय उदाहरण
20. उपभोक्ता संरक्षण
अभिहस्तान्तर्णलेखनकीकला
21. प्रस्तावना
22. अभिस्वीकृति
23. अनुयोज्य दावा
24. प्रशासन बंधपत्र
25. दत्तकग्रहण
26. अनुबंध अथवा करार
27. प्रशिक्षुता-विलेख
28. माध्यस्थम
29. बंधपत्र
30. कंपनी दस्तावेज़
31. विनिमय
32. दान
33. प्रत्याभूति
34. संरक्षक
35. पट्टा
36. अनुज्ञप्ति
37. बंधक
38. भार
39. विक्रय
40. परक्राम्य लिखत
41. सूचना
42. विभाजन
43. भागीदारी
44. मुख्तारनामा
45. उत्तराधिकार
46. न्यास
47. वसीयत
48. विवाह
49. वाहन-पत्र
50. पोतभाटक पत्र
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