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अपराधशास्त्र अपराध से अपराधी तक पहुँचने का मार्ग बताता है।पुस्तक के इस नवनीतम संस्करण में लेखक ने पूर्णतया संशोधित रूप में खुले शब्दों में समाज के भीतर व्याप्त घिनौने अपराधों, उनके लिए निर्धारित दण्डों तथा हमारी कानूनी व्यवस्था को भी चित्रित किया है।हत्या और बलात्कार जैसे न जाने कितने हि ओर ऐसे मामलों को दिया गया है जिनसे यह साबित होता है कि कभी-कभी कानूनी खामियों के रहते अपराधी किस तरह बच निकलते हैं।
पुस्तक के इस नवीनतम संस्करण के अंतर्गत लहकने कई अतिरिक्त अध्यायों को देते हुए उन्हें दो भागों में विभाजित कर दिया है। प्रथम भाग का शीर्षक अपराध शास्त्र है और द्तीय भाग का दण्डशास्त्र।उसने आज के समय कि ज्वलंत समस्याओं से संबंधित विषयों पर प्रकसाह डाला है। उदाहरण के लिए महिलाओं कि 'घरेलू हिंसा कि सुरक्षा', 'मानवाधिकार, पुलिस और जेल प्रशासन', दहेज-मृत्यु, बाल-विवाह निषेध कानून, 2006 तथा अपराधियों के बच निकालने के कारण, दण्ड के विभिन्न प्रकार, इत्यादि पर प्रकाश डाला है।
प्रस्तुत पुस्तकविधि-छात्रों, विधिवेत्ताओं, न्यायिक अधिकारी, चिकित्सा अधिकारी, प्रयोगशाला विशेषज्ञ, अपराधी एवं अपराध से व्यथितत था कुंठित सभी व्यक्तियों के लिए समान रूप से उपयोगी है।विषय का प्रस्तुतीकरण इस्तनी सरल भाषा-शैली में किया गया है कि इसमें निरंतर रोचकता और आकर्षण बना रहता है।
‘Apradhshastra Evam Dandshastra’, "(Criminology and Penology) by the eminent author Basanti Lal Babel, has gained immense popularity. It discusses Criminology in the Indian context, and focuses on problems such as; the causes of crimes, crime prevention and the treatment of offenders. It examines the Indian criminological scene with reference to judicial and legal framework, in the context of social, economic and political determinants. The 4th Edition of the book has been thoroughly revised and updated with the inclusion of fresh new materials on the subject like Ragging, Protection of children against crimes, Law relating to safety of women etc.
Written in a lucid and authoritative style, the book is divided into two parts, the first part deals with criminology and the second deals with penology, facilitating easy understanding by the readers. The learned author has presented the subject matter in a very scientific and analytical manner, making for a stimulating read.
अध्याय
भाग 1
1 अपराधशास्त्र: परिभाषा, क्षेत्र, महत्वएवंस्वरूप
2 अपराधशास्त्रकेसंप्रदाय
3 अपराधशास्त्रकिअध्ययन-प्रणालियाँ
4 अपराधकिपरिभाषाएवंउसकेतत्व
5 अपराधोंकावर्गीकरण, उसकेप्रक्रमएवंपक्षकार
6 अभियुक्तकेअधिकारएवंउपचार
7 अपराधकेसामान्यकारण
8 अपराधोंकाकारण: नैतिकएवंचारित्रिकपतन
9 सामान्यउपवाद
10 आपराधिकव्यवहार
11 श्वेतपोशअपराध
12 बालअपराध
13 यौनअपराध
14 संगठितअपराध
भाग 2
दण्डशास्त्र
15 दण्ड
16 दण्डकेविभिन्नप्रकार
17 दण्डोंकालघुकरण, निलंबन, क्षमादानएवंअनियतदण्डदेश
18 दण्डन्यायालय
19 मृत्युदण्ड
20 परिवीक्षा
21 पैरोल
22 सुधारसंस्थाएं
23 महिलायोंकिघरेलूहिंसासेसुरक्षा
24 मानवाधिकार, पुलिसऔरजेलप्रशासन
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