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प्रशासनिक विधि का यह तृतीय संस्करण महत्वपूर्ण संशोधनों और नवीनतम न्यायिक निर्णयों से सुसज्जित किया गया है। वर्तमान में प्रशासनिक विधि का तीव्र गति से विकास हुआ क्योंकि न केवल राज्य सरकार की भूमिका और कार्यशैली में व्यापक बदलाव आया है बल्कि सरकार के कार्यो में भी आशातीत वृद्धि हुई है।
सीण्केण्ठक्कर ;टकवानीद्ध की अंग्रेजी पुस्तक “लेक्चर आWन ऐडमिनिस्टेªटिव लॉ” का हिन्दी संस्करण विधि ज्ञाता केण्सीण् जोशी जी ने तैयार किया है। विश्व भर में फैलते आर्थिक सुधारों से प्रशासनिक निर्भरता भले ही कम की जा रही है परन्तु इसके महत्व को कम आंकना गलत होगा। इस पुस्तक में ब्मदजतम वित च्नइसपब प्दजमतमेज स्पजपहंजपवद अ न्दपवद व िप्दकपं और ैनइतंउंदपंद ैूंउल अ डंदउवींद ैपदही जैसे न्यायिक निर्णयों की चर्चा के साथ ही प्रशासनिक विधि को प्रभावित करने वाले बिन्दुओं पर क्रमानुसार चर्चा की गयी है।
नये विषयों में उपभोक्ता अधिनियम, दोषहारी याचिकायें, गंगाखण्ड तथा सूचना अधिकार अधिनियम जों प्रशासनिक विधि के सक्रिय भाग बन चुके हैं पर विस्तृत चर्चा की गयी है। इस पुस्तक में लोकपाल और लोकायुक्त को जोड़कर विस्तृत जानकारी के साथ प्रस्तुत किया गया है ।
विधि क्षेत्र के छात्र, छात्राओं अधिवक्ता गण, न्यायिक क्षेत्र के अधिकारी वर्ग के लिए यह पुस्तक विशेष लाभदायी सिद्ध होगी।
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